वक्त बड़ा बलवान है। बीता वक्त अनुभव देता है पर न लौट कर आता है, न छेड़छाड़ का अधिकार देता है। वर्तमान की नींव होता है।
वर्तमान ही है जिससे आप अपने सपनों के महल की कल्पना और निर्माण कर सकते हैं।
भविष्य वर्तमान की नींव पर आधारित होगा, कल्पना करें सपने संजोएं और तैयारी करें, पर व्यर्थ भविष्य की चिंता और भय धारण न धरें।
ये वर्तमान ही है जिसमें आप कुछ कर सकते हैं। भूल भी और भूल सुधार भी इस लिए गलती करने से न डरें, चिन्तन करें चिन्ता न करें और दीर्घसूत्री (अनिवार्य वक्त से अधिक वक्त लगाना) न बनें।
आपकी सोच मायने रखती है, पर उससे कहीं ज्यादा ये मायने रखता है कि आप जो सोचते हैं और करना चाहते हैं उसे वक्त पर (यानी समय रहते) करते हैं।
भविष्य आपको वर्तमान बन अनुभव आधारित सुधार का मौका अवश्य देगा। भविष्य के भय को वर्तमान खराब न करने दें सत्प्रतिषत सही या गलत कोई नहीं होता।
कुछ करेंगे तो अच्छा या बुरा होगा, सिर्फ अच्छा और बहुत अच्छा करने की चिन्ता ग्रसित हो यदि वक्त पे/वक्त रहते कुछ नहीं किया तो न करने का सिर्फ खेद रह जाएगा, वक्त वर्तमान से बीता वक्त हो जाएगा।
आप अपने वक्त के साथ किसी अन्य का वक्त खराब करें ये अधिकार आपको नहीं। इसलिए वक्त सिर्फ बलवान ही नहीं अनमोल है, इसकी कद्र करें ये आपकी करेगा।
हर्ष शेखावत
