“प्रेरित करें”

प्रेरित करना, मतलब कुछ करने के लिए हाँ कहलवाना और करवाने की प्रेरणा बनना। किसी का हाँ कहना कोई कल्पना या सिर्फ किस्मत की बात नहीं।

किसी की प्रेरणा बन आप हाँ कहलवाना चाहते हैं, तो सबसे पहले उसे हाँ कहने का कारण दें। कोई भी कार्य बिना कारण नहीं होता।

इसमें ध्यान रखने वाली बात ये है कि जो कारण आप बता रहे हो वह उसके मतलब का हो और उसमें उसके फायदे की बात की जाए, अपने फायदे का जिक्र अत्यन्त आवश्यक हो तभी करें।

प्रेरित करने के लिए सबसे अहम है सकारात्मकता। व्यक्ति को सकारात्मक बनाने के लिए उससे ऐसे प्रश्न करें जिनका जवाब सिर्फ और सिर्फ हाँ हो।

जैसे, आप जीवन में शान्ति चाहते हैं ना? आप अपने परिवार को खुश देखना चाहते हैं ना? आप अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देना चाहते हैं ना? अपनी ख्वाइशों को पूरा करना चाहते हैं ना?

जब व्यक्ति बार बार प्रश्नों के उत्तर हाँ में देता है, तो उसेके लिए हाँ कहने और प्रेरित होने की संभावना बढ़ जाती है।

हाँ के साँचे में ढल चुके व्यक्ति को अब प्रश्न करें तो ध्यान रखें कि विकल्प सिर्फ दो हाँ में से कोई एक हाँ चुनने का हो, हाँ और ना में से एक चुनने का नहीं।

जैसे, आप ये काम/मुलाकात कल करना चाहेंगे या रविवार को? आप प्रभात शाखा में आना चाहेंगे या सायं शाखा? आप इस पुस्तक का भुगतान नकद करेंगे या क्रेडिट कार्ड से?

इन सभी प्रश्नों में आप सिर्फ हाँ चुनने का अवसर दे रहे हैं। प्रेरित आप तभी कर सकते हैं जब आप सिर्फ हाँ की आशा रखें और स्पष्ट संदेश दें कि आप से सिर्फ हाँ की अपेक्षा की जाती है।

अधिकतर व्यक्ति शुरू में तटस्थ होते है, और दिशा निर्देशित कर उन्हें प्रेरित किया जा सकता हैं।

हर्ष शेखावत

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