सब को खुश करना मतलब स्वयं की इच्छाओं को मारना। आप सबको खुश करने का प्रयास न करें, क्यों कि कर ही नहीं सकते।
घर परिवार, कार्यक्षेत्र और समाज, सबकी अपेक्षा जुड़ी है, कसौटी पर खरा उतरने की चुनौती बहुत बड़ी है।
मैं हर्ष हूँ, हर्षित हूँ, इसलिए हूँ हर्षवर्धक। नहीं हूँ तो बेवजह दुखी के जीवन में हर्ष वर्द्धन का बंधक।
हर्षवर्द्धक रहो बन्धक न बनो, स्वयं की खुशी को चुनो। खुश नहीं कर सकते सबको तो क्या, किसी के दुख का कारण न बनो।
हर्ष संग हमेशा समाधान का हिस्सा बनो, समाधान में समस्या बनने का संघर्ष न करो।
माकूल अपनो के लिए, तो यथायोग्य/नामानुकूल गैरों के लिए। सार्थक जो करना है अपनो का दिया नाम। हर्ष संग करो सबके संग काम, हर्ष बनाता है सहज हर काम।
हर्ष वर्द्धन हूँ मैं, हर्षवर्धक हो सब। फंसी हो न गर्दन किसी की, रहे जीवन में हर्षित सब।
हर्ष शेखावत
