“आम से असाधारण, विशिष्ट से साधारण”

साधारण या विशिष्ट क्या होता है?

साधारण पानी से अधिक प्यास कोई भी विशिष्ट पेय नहीं बुझा सकता। आम तौर पर उपलब्ध साधारण पानी की कीमत इतनी है, कि इसके बिना आपका असाधारण जीवन तक संभव नहीं है।

दिखने में आम व्यक्ति अक्सर काम  असाधारण कर सकते हैं। इसलिए हर व्यक्ति का मान करें। विशिष्ट काम नहीं व्यक्ति होता है जो हर साधारण दिखने वाले काम को समर्पित हो खुद को विशिष्ट बनाता है।

एक साधारण आदमी “चौकीदार“,  विशिष्ट व्यक्ति के असाधारण प्रयास से एकत्रित संपत्ति को सुरक्षा देता है। इसलिए चौकीदार जी कहलवाने का हक रखता है।

आपके अनुयायी आम व्यक्ति की सलाह न सुनना कोई गर्व की बात नहीं, हो सकता है अवसर के आभाव में वो व्यक्ति साधारण अनुयायी है, पर क्षमता असाधारण विशिष्ट व्यक्ति की रखता है। अपने अभिमान को मौका न दें स्वयं को नुकसान पहुंचाने का हो सकता है वह साधारण व्यक्ति आपकी मदद कर दे।

स्वयं को विशिष्ठ/असाधारण समझो उससे पहले विचार करो ईश्वर ने सबको कुछ न कुछ ताकत/क्षमता तो कुछ कमजोरियां दीं हैं। मिल कर काम करने में ही बुद्धिमानी और लाभ है।

प्रश्न कनिष्ठ कर्मचारी ने उठाया है, इसलिए गौण न करें, आप सबकुछ नहीं जानते हैं और न ही कर सकते हैं।

निम्न वर्ग से व्यक्ति जरूरी नहीं  कि उसका स्तर भी निम्न हो, ऐसा समझने की गलती न करें व्यक्ति के हाथ उसका कर्म है जन्म नहीं।

इस बात की गाँठ बांध लें कि हर साधारण/आम व्यक्ति क्षमता/ उपयोगिता के साथ साथ स्वाभिमान भी रखता है और क्षमता अनुसार मान देकर ही आप स्वयं को विशिष्ट और असाधारण बना सकते है।

मान सम्मान देने से मिलता है, कमाना पड़ता है। अधिकार समझने और कामना से नहीं मिलता, मांग करते ही आप विशिष्ट से साधारण हो जाते हैं।

यदि आप साधारण को कूड़ा समझेंने की गलती करेंगे, तो आप एक असाधारण विकार संग मरेंगे।

हर्ष शेखावत

Copied

Leave a Comment